1656 ईस्वी मे गाँव कुतानी मे ठाकुर भूप सिंह ने हवेली का निर्माण किया| गाँव के इतिहास मे भूप सिंह के 7 लड़के हुए| उनमे से शालु सिंह 1832 ईस्वी मे झाजरी(झज्जर) नवाब के वज़ीर हुए| इस दौरान नवाब के लड़के की शादी मे शालु सिंह के खिदमतगार के साथ नवाब के लड़के ने बतमीज़ी की | इस वजह से शालू सिंह ने नवाब के लड़के का कत्ल कर दिया| नवाब ने कूटानी पर चड़आई कर दी| शालू सिंह और उसके भाइयो ने अपने पूरे परिवार का कत्ल करके,काफ़ी वर्षो तक बीसर गाँव की पहाड़ियों पर जीवेन व्यतीत किया| अंग्रेज शाषण स्थापित होने के पश्चात अंग्रेज़ो ने शालू सिंह के पूरे इलाक़े की सीमा बंदी का काम सौंप दिया| इस इलाक़े मे खरा पानी होने की वजह से यह अनामक बनाया जाता था|इसी वजह से फ्रूख्नगर मे रेल की व्यवस्था की गयी|